Bhangarh Fort India (राजस्थान का भूतिया किला)

आज हम यहां भानगढ़ किले (Bhangarh Fort India) के बारे में बात करेंगे जो राजस्थान में स्थित है माना जाता है कि यह Bhangarh Fort एक रात में पूरा खाली हो गया था।

राजस्थान के जयपुर और अलवर के बीच पड़ने वाला यह किला भारत की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है। इस जगह से जुड़ेआज भी कई सारे रहस्य हैं जिसे जानने के लिएलोग हमेशा उत्सुक रहते हैं।

भूगोल के अनुसार भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वत श्रृंखला पर सारिका रिजर्व की बॉर्डर पर बना हुआ है। यह किला पहाड़ियों के निचले भाग पर ढ़लानी इलाके में बसा हुआ है।

Bhangarh Fort History

भानगढ़ किले से संबंधित कई सारी डरावनी कहानियां भी है यह किला राजस्थान आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

भानगढ़ किला अपने समृद्ध इतिहास के लिए भी जाना जाता है और यह किला भारत में उपस्थित कई टूरिस्ट जगहों में से एक है। भानगढ़ किला 17 वी शताब्दी में राजस्थान में बनाया गया एक किला है। इस किले का निर्माण मान सिंह जो अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक था उसने अपने छोटे भाई राजा माधो सिंह के लिए बनवाया था।

Timing Of Bhangarh Fort

भानगढ़ किला घूमने का समय सुबह के 6:00 से शाम के 6:00 बजे तक का है। आप इसके बीच तभी भी भानगढ़ आकर घूम सकते हैं। सूर्यास्त के बाद भानगढ़ घूमना काफी खतरनाक माना गया है।

इस जगह के बारे में लोगों का कहना है कि यहां पर रात 12:00 बजे के बाद भूतों का डेरा होता है। और ऐसा भी माना जाता है कि यहां पर कोई भी व्यक्ति रात में नहीं रुक सकता है और जो कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है उसकी मृत्यु हो जाती।

भानगढ़ किले में सूरज ढलने के बाद जाना कानूनी तौर से भी मना है।

Story Of Bhangarh Fort

कहते हैं भानगढ़ किले में एक राजकुमारी रत्नावती रहती थी जिसकी खूबसूरती की चर्चा दूर दूर तक की जाती थी। आसपास के सभी राजकुमार रत्नावती से विवाह करना चाहते थे। उसी राज्य में एक सिंही नाम का एक तांत्रिक रहता था।

जो राजकुमारी की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया था और किसी भी कीमत पर राजकुमारी को हासिल करना चाहता था एक बार राजकुमारी बाजार इत्र खरीदने की गई राजकुमारी के इत्र में तांत्रिक ने काले जादू की मदद से ऐसा कुछ मिलाया जिससे राजकुमारी उस तांत्रिक की तरफ मंत्रमुग्ध होने लगी।

लेकिन इसके बारे में राज्य के एक व्यक्ति को पता चल गया था तब राजकुमारी ने वह इत्र फेंक दिया जिस कारण तांत्रिक द्वारा किए गए वशीकरण से रानी मुक्त हो गई परंतु उसके इस काले जादू का प्रभाव उसी पर उल्टा पड़ गया और वह बड़े से पत्थर के नीचे आने से उसकी मौत हो गई लेकिन उसने मरते मरते राजकुमारी और पूरे भानगढ़ को यह श्राप दिया की वहां रहने वाले सभी लोगों की मौत हो जाएगी और वह लोग फिर कभी जन्म भी नहीं ले पाएंगे उनकी आत्मा किसी स्थान पर हमेशा भटकती रहेगी।

तांत्रिक की मौत के कुछ दिन बाद भानगढ़ के किले पर मुगलों ने हमला किया उस समय महल में हजारों लोग उपस्थित थे। उस समय राजकुमारी समेत सभी उपस्थित लोग मारे गए।

कहा जाता है कि आज भी भानगढ़ का किला उस तांत्रिक के शाप से शापित है। लोगों का मानना है कि आज भी यहां उस राजकुमारी और तांत्रिक समेत हजारों लोगों की आत्माएं भटकती रहती है।

भानगढ़ फोर्ट कैसे पहुंचे हैं

By Road

भानगढ़ का किला राजधानी दिल्ली से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भानगढ़ आने के लिए आपको सुबह-सुबह ही यहां के लिए निकलना होगा ताकि आप समय से इस किले में घूम सकें क्योंकि सूर्यास्त के बाद भानगढ़ में आना कानूनी रूप से बंद है। भांगड़ा आप खुद की गाड़ी अथवा टैक्सी से भी आ सकते हैं।

By Train

भानगढ़ आने के लिए आप दिल्ली से अलवर तक शताब्दी एक्सप्रेस में आ सकते हैं। उसके पश्चात भानगढ़ के लिए अलवर से टैक्सी या बस ले सकते हैं।

Best time To Visit Bhangarh Fort

भानगढ़ आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच का होता है। अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच में राजस्थान का मौसम काफी अच्छा होता है अतः आप अक्टूबर से फरवरी के बीच कभी भी भानगढ़ घूमने के लिए आ सकते हैं।

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