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Rajasthan की शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू श्याम। Khatu Shyam को भगवान श्री कृष्ण जी का कलयुग अवतार माना जाता है। महाभारत में पांडवों में भीम के पुत्र घटोत्कच और उनकी पत्नी हिडिम्बा के पुत्र बर्बरीक थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में बर्बरीक को भगवान श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद मिला था कि वे कलयुग में उनके ही नाम से जाने जाएंगे।
Khatu Shyam Mandir
बर्बरीक को ही कलयुग में खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है। बर्बरीक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। बर्बरीक के लिए केवल 3 बाण ही काफी थे पूरे महाभारत को एक ही दिन में समाप्त करने के लिए।
भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश दान करने वाले महान बर्बरीक जिन्हें खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है उन्हें शीश दानी भी कहा जाता है।
आज कलयुग में राजस्थान के सीकर जिले में बर्बरीक को ही खाटू श्याम जी के नाम से पूजा जाता है। वैसे तो भारत में खाटू श्याम जी के अनेकों मंदिर है परंतु राजस्थान में उपस्थित खाटू श्याम जी का मंदिर की अलग ही मान्यता है। प्रत्येक वर्ष करोड़ों की संख्या में लोग खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए राजस्थान आते हैं।
खाटू श्याम मंदिर सुबह 8:00 से 9:00 तक, 10:00 से 12:00, शाम 4:00 बजे से शाम 6:00 व रात 8:00 से 9:30 बजे तक चार चरणों में दर्शन कराए जाते है।
kaise bane Barbrik khatu shyam? (Story Of Khatu Shyam)
Khatu Shyam जी की Story महाभारत से जुड़ी हुई है, जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच में होने वाला था। तब युद्ध से पहले इस बात की चर्चा होने लगी कि यह युद्ध कितने दिन चलेगा और कौन किसकी तरफ से लड़ेगा तभी पांडव पुत्र भीम के पौत्र जिनका नाम बर्बरीक था अपनी मां हिडिम्बा से आज्ञा लेकर कुरुक्षेत्र के मैदान में लड़ने चले गए।
बर्बरीक पहले पांडवों के शिविर की ओर चले गए जहां उन्हें भगवान श्री कृष्ण मिले तब भगवान श्री कृष्ण से बर्बरीक ने कहा कि वे अकेले ही पूरी कौरव सेना को खत्म कर सकते हैं। उनके पास भगवान शिव का दिया हुआ अस्त्र है। जिसकी सहायता से वह अकेले ही पूरी कौरव सेना को खत्म कर सकते हैं। जिसके परिणाम को सिद्ध करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें एक वृक्ष पर उनके अस्त्र का प्रयोग करने को कहा। अपने अस्त्र को सिद्ध करने के लिए बर्बरीक ने उस वृक्ष के सभी पत्तों को चिन्हित कर सभी पत्तों को पेड़ से अलग कर दिया। परंतु भगवान शिव को दिए हुए वचन के अनुसार बर्बरीक युद्ध में केवल उसी पक्ष की ओर से युद्ध कर सकते थे जो पक्ष हारने वाला हो। जैसे कि अगर युद्ध में कौरव पक्ष कमजोर होता तो बर्बरीक कौरवों की तरफ से लड़ते तथा अगर पांडवों का पक्ष कमजोर होता तो पांडवों की तरफ से युद्ध लड़ते।
Khatu Shyam (Barbrik)
भगवान श्री कृष्ण यह जानकर बर्बरीक के पास गए और उनसे दान में उनका शीश मांग लिया। तब बर्बरीक ने बिना कोई प्रश्न किए भगवान श्री कृष्ण जी को अपनों की समर्पित कर दिया।
बर्बरीक के शीश को कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में उपस्थित एक चट्टान पर अपनी शक्तियों से रख दिया। जहां से बर्बरीक कुरुक्षेत्र में हुए युद्ध को देख पाए। और उन्हें इस युद्ध का एकमात्र साक्षी बना दिया।
बर्बरीक की वीरता देखकर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे कलयुग में उनके नाम से पूजे जाएंगे। आज कलयुग में जो कोई भी तुम्हारे द्वारआएगा उस व्यक्ति की हर मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
कई लोगों द्वारा यह भी दावा किया जाता है की एक गाय उस स्थान पर रोजाना आकर स्वतः ही दुग्ध प्रवाहित कर रही थी। तब खुदाई करने पर वहां पर शीश प्रकट हुआ। जिससे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया।
कुछ दिनों पश्चात ही श्री कृष्ण एक राजा की स्वप्न में आए तब राजा ने एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया और प्रकट हुए शीश को कार्तिक मास की एकादशी को मंदिर में सुशोभित किया गया।
Khatu Shyam ji के पवित्र नाम
- लीले के अश्वार
- लखदातार
- हारे के सहारे
- खाटू वाले श्याम
- शीश के दानी
- कलियुग देव
- खाटू नरेश
Hotels and Dharmshala Near Khatu Shyam Temple
अगर आप Khatu Shayam dham खाटू शयाम जी के दर्शन करने जाते हैं, तो आपको वहां बहुत सारे होटल तथा धर्मशाला मिल जाएगी जहां आप रात्रि को अपने परिवार के साथ विश्राम भी कर सकते हैं।
अगर आप वहां रात्रि को Hotel में रुकते हैं तो वहां पर आपको ₹1000 से ₹2000 प्रतिदिन का खर्च होटल में व्यय करना होगा।
वहां पर अलग-अलग समाज के लिए अलग-अलग धर्मशाला में भी बनी हुई है आप उनमें से किसी की धर्मशाला में रुक सकते हैं तथा खाटू शयाम जी के दर्शन कर सकते हैं।
खाटू शयाम जी मंदिर (Khatu Shayam Mandir dham) से 500 मीटर के दायरे में आपको वहां बहुत सारे होटल तथा अच्छी धर्मशाला में मिल जाएंगी।
How To Reach Khatu Shyam Temple
Khatu Shayam Temple में आप Bus अथवा train से जा सकते हैं तथा आप अपना personal Vehicle भी लेकर जा सकते हैं।
Khatu Shayam Temple Map –
Khatu Shyam Distance
Khatu Shyam mandir राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है, आप वहां पर ट्रेन तथा बस से जा सकते हैं। हमने यहां पर उत्तर भारत के मुख्य शहरों से Khatu Shyam की दूरी बताई है।
शहर | खाटू श्याम जी मंदिर से दुरी |
---|---|
Jaipur | 79 KM |
Sri Ganganagar | 321 KM |
Udaipur | 352 KM |
Delhi | 287 KM |
Chandigarh | 505 KM |
Lucknow | 671 KM |
Dehradun | 529 KM |
Salasar Balaji Temple | 150 KM |
Bhopal | 700 KM |
Jodhpur | 352 KM |
Almora | 632 KM |
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Final Words
यहां पर हमने आपको khatu Shyam Dham के बारे में पूरी जानकारी दी है और khatu Shyam Mandir से जुड़ी हर बात को बहुत ही विस्तार से बताया है।
हमने यहाँ पर आपको Khatu Shyam, Khatu Shyam dham, Khatu Shyam mandir, Khatu Shyam distance, Khatu Shyam Hotels and dharamshala के बारे में पूरी जानकारी दी है।
FAQs (Khatu Shayam Temple)
खाटू श्याम बाबा का मंदिर कौन से शहर में है?
खाटू श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में हैं।
खाटू श्याम जी कब जाना चाहिए?
आप पूरे वर्ष में खाटू श्याम बाबा के मंदिर कभी भी जा सकते हैं।
खाटू श्याम जाने में कितना खर्चा आता है?
अगर आप उत्तर भारत में रहते हैं तो आप ट्रेन के माध्यम से सीकर राजस्थान जहां खाटू श्याम बाबा का मंदिर है वहां 500 से ₹1000 में जा सकते हैं और वहां किसी भी होटल या धर्मशाला में 1000 से ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से रहकर अपने खर्चे का अनुकलन कर सकते हैं।
खाटू श्याम जी की मृत्यु कैसे हुई?
खाटू श्याम जी की कथा महाभारत से मिलती है महाभारत में बर्बरीक नाम के योद्धा से श्री कृष्ण ने उनका सर दान में मांगा था उन्हीं खाटू श्याम कहा जाता है और उन्हीं की सीकर राजस्थान के खाटू गांव में पूजा की जाती है।
खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करने में कितना समय लगता है?
अगर आप खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं तो आपको वहां श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुसार ज्यादा समय भी लग सकता है, अन्यथा आप कम समय में भी दर्शन कर सकते हैं।
क्या हम खाटू श्याम की फोटो घर में रख सकते हैं?
हां आप भगवान खाटू श्याम की फोटो को घर पर अपने पूजा स्थान में रख सकते हैं।
खाटू श्याम जी कौन से भगवान है?
भगवान खाटू श्याम जी को श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है, भगवान खाटू श्याम जी की पूजा श्री कृष्ण के अवतार के रूप में की जाती है।
खाटू श्याम जी के किस भगवान की पूजा की जाती है?
खाटू श्याम बाबा को भगवान श्री कृष्ण का रूप माना जाता है, खाटूश्यामजी में भगवान श्री कृष्ण के रूप की पूजा की जाती है।